Sunday, September 27, 2009
बंगाल पुलिस ने मीडिया के नाम पर विश्वासघात किया
प्रधानमंत्री के नाम आनलाइन हस्ताक्षर द्वारा विरोध करें
पश्चिम बंगाल की सीआइडी पुलिस ने मीडिया के नाम पर विश्वासघात किया है। लालगढ़ आंदोलन के चर्चित नेता छत्रधर महतो को पकड़ने के लिए पुलिस ने पत्रकार का वेश बनाकर ऐसा किया। एक पुलिस अधिकारी ने खुद को एशियन न्यूज एजेंसी, सिंगापुर का संवाददाता अनिल मयी बताया। उसने पहले एक स्थानीय पत्रकार का विश्वास जीता। फिर उसके साथ जाकर छत्रधर महतो का साक्षात्कार लेने के बहाने 26 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया।यह मीडिया के प्रति लोगों के भरोसे की हत्या है। यह मीडिया की स्वायत्ता का अतिक्रमण है। यह बेहद शर्मनाक, आपत्तिजनक एवं अक्षम्य अपराध है। इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए ताकि दुबारा कोई ऐसी हरकत न करे। इस संबंध में तत्काल एक स्पष्ट कानून बनाया जाना चाहिए।
कृपया अपना विरोध दर्ज करायें।
यहां क्लिक करके प्रधानमंत्री के नाम पत्र पर आनलाइन हस्ताक्षर करें
http://www.petitiononline.com/wbmisuse/petition.html
पूरी स्टोरी
Sunday, September 13, 2009

Monday, September 7, 2009

आरटीआइ सिटिजन अवार्ड के लिए आये 28 नामांकन
रांची: आरटीआइ सिटिजन अवार्ड के लिए अब तक 28 नामांकन प्राप्त हुए हैं। इनमें रांची, रामगढ़, पाकुड़, धनबाद, कोडरमा, गिरिडीह, पलामू, लातेहार, देवघर, गोड्डा, दुमका से आये नामांकन शामिल हैं। सूचना कानून की चैथी वर्षगांठ पर 10 अक्तूबर 2009 को राज्य के 50 नागरिकों को आरटीआइ सिटिजन अवार्ड दिया जायेगा। झारखंड आरटीआइ फोरम के सचिव विष्णु राजगढ़िया के अनुसार इसके लिए नामांकन 30 सितंबर 2009 तक आमंत्रित हैं। यह सम्मान ऐसे नागरिकों को मिलेगा जिन्होंने सूचना कानून द्वारा ऐसा काम किया हो जिससे नौकरशाहों की गलत प्रवृति पर रोक लगती हो या जिससे कोई भ्रष्टाचार सामने आता हो। साथ ही, कोई जायज काम बिना रिश्वत कराने, जनहित में महत्वपूर्ण काम होने तथा सूचना कानून के प्रचार प्रसार में मदद करने वाले कार्यों के लिए भी सम्मान दिया जायेगा। झारखंड का कोई नागरिक स्वयं अपने लिए अथवा किसी अन्य के लिए नामांकन भेज सकता है। इसके लिए सूचना कानून के तहत किये गये कार्यों, सफलता के विवरण एवं संबंधित दस्तावेजों की फोटो कापी के साथ अपना पूरा पता, फोन नंबर, ईमेल पता इत्यादि भेजना होगा। पता है- झारखंड आरटीआइ फोरम, 4-सी, घराना पैलेस, संध्या टावर, पुरलिया रोड, रांची।

विष्णु राजगढ़िया
रांची : झारखंड मंत्रिमंडल (निर्वाचन) विभाग के आदेश का सहारा लेकर सूचना मांगने वाले नागरिकों का आर्थिक एवं मानसिक भयादोहन हो रहा है। पूर्व मासस विधायक अरूप चटर्जी से एक अधिकारी के एक दिन का वेतन 250 रुपये वसूला गया है। उन्हें 56 पेज की सूचना के लिए 358 रुपये जमा करने पड़े। पाकुड़ के पत्रकार कृपासिंधु बच्चन से आठ पेज की सूचना के एवज में 156 रुपये वसूले गये जबकि नियमत: दो रुपये प्रति पृष्ठ की दर से सिर्फ 16 रुपये लगने चाहिए थे। शेष 140 रुपये इस सूचना को तैयार करने में सरकारी अधिकारी के वेतन के नाम पर अवैध रूप से वसूले गये।
पिछले तीन महीने से झारखंड में सूचना के लिए नागरिकों से मनमानी फीस मांगने की शिकायतें मिल रही थीं। अब पता चला है कि मंत्रिमंडल (निर्वाचन) विभाग के एक आदेश से यह समस्या आयी है।
Saturday, September 5, 2009


Not so funny RTI innovations from Jharkhand
Recent reports in Jharkhand suggest that information seekers are told to pay substantial sums in the name of the government staff’s salary. VISHNU RAJGADIA says the state has put its own money-making spin on the RTI Act.
thehoot.org
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