पारदर्शी उम्मीदों के पांच साल
सूचना का अधिकार ने शासन और प्रशासन के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही का नया माहौल विकसित करते हुए आम नागरिक के हाथ मे जबरदस्त ताकत दी है। अब अधिकारियों को मनमाने फैसले करने से पहले बार-बार सोचना पड़ता है कि आरटीआई में क्या जवाब देगा। इंटरनेशनल सेंटर गोवा की निदेशक नंदिनी सहाय का स्पष्ट मानना है कि पांच वर्षों में सूचना कानून ने अपनी प्रासंगिकता जबरदस्त तरीके से स्थापित की है।
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